Benefits of Bronze
काँस्य बर्तन के फायदे / कांसा के बर्तन के लाभ
भारतीय परंपराओं को अगर ध्यान से देखा जाये तो उसमें कुछ न कुछ वैज्ञानिकता ही छुपी मिलती है। फिर चाहे वह दैनिक दिनचर्या संबंधित हो चाहे भोजन संबंधित हो।
हजारों वर्ष पूर्व की भारतीय परंपराएँ व संस्कृति आप भी ग्रामीण क्षेत्रों में जीवित हैं। वहां आज भी लोग अपनी परंपराओं का निर्वहन करने में अग्रणी हैं।
यहाँ भोजन पकाने और करने के लिए जिन पात्रों का चयन किया जाता है वे पूर्णत वैज्ञानिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम होते थे। एक और उससे स्वास्थ्य की रक्षा होती थी तो दूसरी ओर उससे शरीर को सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) भी प्राप्त होते थे। जिससे आरोग्य की प्राप्ति होने के कारण आयु भी बढ़ती थी।
भारत में जिन बर्तनों का प्रयोग होता था उनमें काँसा (Bronze) का महत्वपूर्ण स्थान है।
काँसा एक मिश्र धातु है जो ताँबा (Copper) रांगा (वंग) धातु को निश्चित मात्रा में मिलाकर बनाई जाती है। इसे काँस्य, फूल भी कहते हैं। चरक संहिता रसशास्त्र ,सुश्रुत संहिता आदि में इसके अनेको लाभ का वर्णन है।
भारतीय रसोई में हजारों वर्षों से प्रयुक्त होने काँसे का अपना महत्व होने के अनेकों कारण हैं –
काँसे का बर्तन विषैले बैक्टेरिया (Bacteria) को मारने की क्षमता रखते हैं। इसके बर्तन में भोजन करने से रक्त तथा त्वचा रोगों से बचाव होता है। ये हमारे कब्ज तथा अम्लपित्र में भी विशेष लाभदायक होता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ इसमें भोजन करने को सर्वोत्तम मानते हैं।☆ इसमें भोजन करने से बुद्धि तीव्र होती है। आयुर्वेद में ”काँस्यम बुद्धिवर्धकम” कहा है।
☆ इसमें रखा भोजन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) में वृद्धि होती हैं।
☆ इसका भोजन खाने से तनाव उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं (Cells) समाप्त होती हैं।
☆ इसमें भोजन करने से बाल झड़ने (Hair rall) भी कम होते हैं।
जब इतने सारे लाभ बिना किसी मेहनत के सरलता से मात्र काँसे के बर्तन में खाना खाने से मिलते हैं तो क्यों न हम भी काँसे के बर्तनों को अपने दैनिक जीवन में सम्मिलित करें।
काँसे के उपयोगी बर्तन देखें